नौ रूप, एक विश्वास, माँ का आशीर्वाद है अनघट आस।

दुर्गा की तलवार से कटे अंधेरा, नवरात्रि में जागे जीवन का नया सवेरा।

नवरात्रि की हर सुबह कहे, माँ की शक्ति से डर हारे।

नौ रूप, एक विश्वास, माँ का आशीर्वाद है अनघट आस।

नौ शक्तियों का मेल अनोखा, माँ के बिना अधूरा हर तोहफा !

देवी की नजर, कर्म का फल, नवरात्रि में मिले जीवन का बल।

देवी की नजर, कर्म का फल, नवरात्रि में मिले जीवन का बल।

अंधेरे पर रोशनी की जीत, नवरात्रि में माँ की अनघट प्रीत !